एक टाईप बालू फॉण्ट


इंटरनेट पर हिन्दी में लिखने की शुरुआत कुछ धक्का-स्टार्ट कही जा सकती है। लिखने के लिए सॉफ्टवेयर नहीं था, ब्राउज़र ढंग से हिन्दी नहीं दिखाते थे। कॉफी जुगाड़ लगा कर लिखा जाता था। मैं बात कर रहा हूं २००२-०३ की। आलोक जी ९-२-११ वालों ने अपने देवनागरी.नेट से बहुत लोगों को नेट पर हिन्दी में लिखना सिखाया। पहले ब्राउज़रों ने हिन्दी ठीक से दिखानी शुरु की। फिर धीरे धीरे विंडोज़ में हिन्दी चलनी शुरु हो गई। आई एम ई का चलना, मंगल नामक फांट का आना बड़ी बातें थी।

लेकिन मंगल के अलावा अन्य अच्छे फांटों की कमी खलती रही। आज बकौल गूगल डिज़ाइन ब्लॉग कुछ नए हिन्दी फॉंट्स के बारे में पता चला वह भी ओपन सोर्स । आई आई टी मुम्बई के साहाय्यक प्राध्यापक हैं गिरीश दळवी जी। इनके व इनके जैसी सोच वाले लोगों के प्रयत्नों से इस दिशा में काफी काम हुआ है। इस सभी का केन्द्र है एक टाइप नामक वेबसाइट। इस वेबसाइट के बारे में वहीं से

एक टाईप, यह समविचारिक लोगों द्वारा बनाई हुई एक भारतीय टाईप फाउंड्री हैं, जो भारतीय भाषाओं के विविध फॉण्टस् विकसित करने में विशेषज्ञ है। लिपि व्याकरण और लिपि परंपरा को महत्व देते हुए, यह विभिन्न तरह के मानकीकृत फॉण्टस् विकसित करती है, जिनका सभी सॉफ्टवेयर मंचों पर उपयोग किया जा सक्ता है।

इसी एक टाईप वेबसाइट से बालू नामक फांट का पता चला। इतना अच्छा लगा कि मिर्ची सेठ के ऊपर इसी बालू का प्रयोग कर ब्लॉग में नया रंग रोगन लगा दिया। नीचे आप पहले और बाद का चित्र देख सकते हैं।

मिर्ची सेठ बालू फॉण्ट के साथ


बताईयेगा कैसा लगा।