ये कम्पयूटर वालों को इतने पैसे क्यों मिलते हैं?
पिछले नौं साल से कम्पयूटर इंडस्टरी में काम कर रहा हूँ व उस से भी ज्यादा देर से इसके बारे में जानता हूँ। काफी बार यह प्रश्न दिमाग में आता है कि ये मार्किट कम्पयूटर ज्ञान को इतनी तवज्जो क्यों देती है? आज के दौर में एक साथ इतने सारे लोगों को बाकी लोगों से औसतन ज्यादा पैसे देने वाली इंडस्टरी शायद कम्पयूटर ही है।
इस प्रश्न का जवाब यदि एक शब्द में देना हो तो वह है इनोवेशन या नवोत्पाद। अब यदि एक तरफ आप मारुति में मशीन के पास काम करने वाला वर्कर लें और दूसरी तरफ इंफोसिस में काम करने वाला वर्कर लें तो दोनों में क्या अंतर पाएंगे। मारूति वाले आदमी का काम पूरी तरह से निर्धारित है। हर रोज उसे गिन चुने काम पहले से निर्धारित प्रक्रिया से पूरे करने हैं। वहीं दूसरी तरफ इंफोसिस वाले आदमी को हर चार पाँच महीने में नए प्रोजेक्ट पर काम करना है। हर जगह कुछ न कुछ नया करना है। हो सकता है उसे नए प्रोग्राम लिखने हों और अच्छा प्रोग्राम लिखना व कविता लिखना बराबर ही है। हो सकता है उसे क्लाइंट के वातावरण के हिसाब से कुछ नया लगाना हो।
तो बस यही छोटी सी बात है कि आप किसी काम के लिए पहले से निर्धारित प्रक्रिया से काम करते हैं या आपको यह बार बार बदलनी पड़ती है निर्धारित करता है कि मार्किट आप के काम की क्या कीमत लगाती है।