ससुरारी पिआरी लगे जब ते
इंद्र शर्मा जी ने भारतीय माँ बाप जिन के बेटे बेटियाँ अमरीका में हैं व ने यहाँ पर उनसे मिलने आते हैं व फिर क्या होता है के बारे में इंद्र शर्मा जी ने भारतीय माँ बाप जिन के बेटे बेटियाँ अमरीका में हैं व ने यहाँ पर उनसे मिलने आते हैं व फिर क्या होता है के बारे में तुलसीदास की यह चौपाई लिखी
सूत मानहीं मातू पिता तब लौ,
अबलानन देख नाहीं जब लो।
ससुरारी पिआरी लगे जब ते,
रिपुरप कुटुम्ब भाए तब ते ।।
मतलब की बेटे माँ बाप का कहना तब तक ही मानते हैं जब तक की अपनी घराली की शक्ल नहीं देख लेते। उसके बाद तो लड़के को अपने ससुराल वाले ही सगे लगने लगते हैं और अपने घर के जैसे दुश्मन हों। पंजाबी मे भी कहावत है नोट तुड़ाया ताँ गया , मुँडा परनाया ते गया। मेरा मानना है कि यह तो है कहानी घर घर की।