गाहे बगाहे मन्दिर जाना तो हो ही जाता है। सैन डिएगो मे श्री मन्दिर है भी बिल्कुल सही जगह पर। सारी देसी दुकानों के साथ मन्दिर भी है, तो आदमी दाल रोटी खरीदता, हिन्दी फिल्म की कैस्ट लेते हुए भगवान का नाम भी ले लेता है। मंदिर की जगह की ऊपयुक्ता की देस से तुलना तो नहीं कर सकता क्यूँकि मंदिर करीब करीब हर जगह मिल जाते हैं पर बे एरिया वालों के लिए कुछ-कुछ कुमुद और ढाबे वाली जगह या फ्रीमांट में माओरी पर मंदिर होने के समान है। वैसे तो मंदिर में ज्यादा लोग देख कर हम लोग बाहर से माथा टेक कर आगे हो लेते हैं पर आज वसुधा ने कहा कि मंगल है और ये ग्रह आप पर वैसे भी भारी है इसलिए भीड़ या नो भीड़ आज तो जाना ही है। तो आज काफी दिनों के बाद आरती के समय मन्दिर जाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। भई बड़ा आनन्द आया सभी के साथ मिलकर आरती और मंत्रोच्चारण करके काफी अच्छा लगा। आरती के उपरांत मोबाइल फुनवा से एक फोटो ली यहाँ भेज रहा हूँ।

श्री मंदिर सैन डिएगो