पंजाब केसरी के घटिया हथकंडे
वैसे तो पंजाब केसरी अपनी सस्ती पत्रकारिता के कारण काफी बदनाम है। यदि कोई गप मार रहा हो तो लोगबाग मज़ाक में कह देते हैं कि भाई क्या पंजाब केसरी में पढ़ा क्या ? फिर भी यह उत्तर भारत में काफी लोकप्रिय है। खासकर रविवार संस्करण जो कि काफी रंगीन चित्रों वाला होता है। इसकी लोकप्रियता की वजह वही है जिस वजह से टाइम्स ऑफ इंडिया की फोटो गैलरी प्रसिद्ध हैं। पर इस बार तो हद हो गई। केसरी वालों ने अश्लील पत्रिकाओं को भी मात दे दी। बात हो रही है हिन्दी फिल्म “गर्लफ्रैंड” की। सैंसर द्वारा गर्लफ्रैंड की काट-छांट पर लेख था। लिखने को लेखक केवल यह कह सकता था कि फलां फलां फिल्म अपने अश्लील दृश्यों के कारण सैंसर द्वारा काफी संपादित की गई है। लेकिन लेखक साहिब एक एक सीन को अश्लील पत्रिकाओं की तरह सिलसिलेवार बताते हैं। नमूना 20 जून की अखबार से नीचे है -
मुझे इस लेख से कोई आपत्ति नहीं है। पर यह पंजाब केसरी सरीखी जगह जगह पाए जाने वाले समाचार पत्र में छपा इससे खासी शिकायत है। गर्लफ्रैंड पर तो सैंसर ले कैंची चला दी पंजाब केसरी पर कौन चलाएगा।