खाली समय और श्रंगार रस
आज थोङा खाली समय मिला तो आलोक जी का पुराना चिट्ठा पढ़ डाला । पढ़ कर सुखद आश्चर्य हुआ कि वे भी देर से उठना और इंस्क्रिपट जैसे राक्षसों से जूझ चुके हैं । खाली समय की बात से एक और बात याद आई ज़ीरोम के ज़ीरोम की “निक्कमे आदमी के निक्कमे विचार” (Jerome K Jerome’s Idle Thoughts of an Idle Fellow) का वाक्य है “Idleness like kisses to be sweet must be stolen” वाह क्या बात है । श्रंगार रस वाले इसे बाखूबी समझेंगे । होस्टल के जमाने में जब परीक्षाओं का मौसम होता था तो थोङा सा खाली समय निकाल कर ताश खेलने में बङा मजा आता था । वह भी कुछ कुछ “sweet kisses” जैसा ही था ।